प्रेग्नेंसी में जरूर रखें ये सावधानियां
प्रेग्नेंसी में जरूर रखें ये सावधानियां
नई दिल्लीः गर्भावस्था एक महिला के जीवन का अनमोल समय होता है, जिसमें उसे अपने और अपने होने वाले शिशु की सेहत का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, मानसिक शांति और सही जीवनशैली अपनाने से गर्भस्थ शिशु का विकास सही तरीके से होता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि गर्भावस्था में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, किन चीजों से परहेज करना चाहिए और किस महीने में सबसे अधिक आराम की जरूरत होती है।
1. गर्भावस्था में ज़रूरी सावधानियां
(i) नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
गर्भावस्था की शुरुआत से ही डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें और समय-समय पर आवश्यक जांचें कराएं।
अल्ट्रासाउंड और अन्य मेडिकल परीक्षण से यह सुनिश्चित करें कि शिशु का विकास सही हो रहा है।
किसी भी असामान्य लक्षण (जैसे अधिक ब्लीडिंग, अत्यधिक थकान या तेज दर्द) होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
(ii) संतुलित और पौष्टिक आहार लें
आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें।
ताजे फल, हरी सब्जियां, सूखे मेवे, डेयरी प्रोडक्ट्स और साबुत अनाजों को डाइट में शामिल करें।
अधिक पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
(iii) हल्का व्यायाम और योग करें
हल्की स्ट्रेचिंग, प्रेगनेंसी योग और वॉकिंग से शरीर सक्रिय रहता है और डिलीवरी आसान होती है।
डॉक्टर की सलाह के बिना भारी व्यायाम न करें।
(iv) मानसिक शांति बनाए रखें
तनाव और चिंता से बचने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) करें।
सकारात्मक सोच रखें और अच्छी किताबें पढ़ें।
(v) सफाई और हाइजीन का ध्यान रखें
इन्फेक्शन से बचने के लिए स्वच्छता का पूरा ध्यान दें।
कच्चे खाद्य पदार्थों को अच्छे से धोकर खाएं।
2. प्रेग्नेंसी में किन चीजों से परहेज करें?
(i) हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचें
अधिक मसालेदार, तैलीय और जंक फूड न खाएं, क्योंकि यह अपच और एसिडिटी बढ़ा सकते हैं।
अधपके या कच्चे अंडे, मांस, और समुद्री भोजन से बचें, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं।
कैफीन और ज्यादा मीठे पदार्थों का सेवन सीमित करें।
(ii) शराब, धूम्रपान और नशीली चीजों से परहेज करें
स्मोकिंग और शराब का सेवन करने से शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं से दूर रहें।
(iii) भारी वजन उठाने से बचें
भारी चीजें उठाने से पीठ दर्द और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
कोई भी भारी शारीरिक श्रम करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
(iv) गलत पोजीशन में न बैठें और न सोएं
अधिक देर तक एक ही स्थिति में न बैठें।
बाईं ओर करवट लेकर सोना बेहतर होता है, क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है।
(v) हाई हील्स और टाइट कपड़ों से बचें
हाई हील्स पहनने से गिरने का खतरा होता है, जिससे चोट लग सकती है।
टाइट कपड़े पहनने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है।
3. किस महीने में अधिक आराम की जरूरत होती है?
पहली तिमाही (1 से 3 महीना)
इस दौरान भ्रूण का विकास शुरू होता है, इसलिए इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
थकान, उल्टी और चक्कर आ सकते हैं, इसलिए पर्याप्त आराम करें।
इस समय किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
दूसरी तिमाही (4 से 6 महीना)
यह समय अपेक्षाकृत आरामदायक होता है, क्योंकि मॉर्निंग सिकनेस कम हो जाती है।
इस दौरान शरीर में एनर्जी महसूस होती है, लेकिन फिर भी ज़रूरत के अनुसार आराम करें।
नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें और पोषण का विशेष ध्यान रखें।
तीसरी तिमाही (7 से 9 महीना)
इस समय शरीर भारी हो जाता है और थकान बढ़ जाती है।
पैरों में सूजन और पीठ दर्द हो सकता है, इसलिए पर्याप्त आराम करें।
इस दौरान अत्यधिक काम न करें और आरामदायक स्थिति में बैठें या लेटें।
डिलीवरी के लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करें।
निष्कर्ष
गर्भावस्था एक खूबसूरत सफर है, लेकिन इसके दौरान विशेष देखभाल की जरूरत होती है। नियमित जांच, संतुलित आहार, हल्का व्यायाम, मानसिक शांति और पर्याप्त आराम से माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रह सकते हैं। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें।