appendix burst treatment: अपेंडिक्स फटना कितना खतरनाक, क्या है सही उपचार
appendix burst treatment: अपेंडिक्स (Appendix) हमारे शरीर में बड़ी आंत के शुरुआती हिस्से से जुड़ी हुई एक छोटी-सी थैलीनुमा संरचना होती है। जब इसमें सूजन आ जाती है, तो इसे अपेंडिसाइटिस (Appendicitis) कहा जाता है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह फट सकता है, जिससे जीवन को खतरा हो सकता है। इस स्थिति में इन्फेक्शन पूरे पेट में फैल सकता है, जिसे "पेरिटोनाइटिस" (Peritonitis) कहा जाता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है, जिसमें त्वरित उपचार की आवश्यकता होती है।
अपेंडिक्स फटने पर बचने के कितने चांस हैं?
यदि अपेंडिक्स फट जाता है, तो बचने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे
1. इलाज मिलने का वक्त – यदि समय रहते सर्जरी और एंटीबायोटिक्स दी जाएं, तो मरीज के बचने की संभावना 90% से अधिक हो सकती है।
2. रोगी की उम्र और स्वास्थ्यः कम उम्र और स्वस्थ रोगियों में रिकवरी जल्दी होती है, जबकि बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए जोखिम अधिक होता है।
3. संक्रमण की गंभीरताः यदि संक्रमण केवल अपेंडिक्स के आसपास सीमित है, तो उपचार अपेक्षाकृत आसान होता है। लेकिन यदि संक्रमण पेट के अन्य भागों तक फैल जाता है, तो सेप्सिस (खून में इन्फेक्शन) हो सकता है, जो घातक साबित हो सकता है।
4. उपचार की उपलब्धताः यदि मरीज को समय पर अच्छी चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती, तो मृत्यु दर बढ़ सकती है। विकसित देशों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं उन्नत हैं, वहां बचने की संभावना अधिक होती है।
यदि अपेंडिक्स फट जाए तो क्या करें?
अगर अपेंडिक्स फटने का संदेह हो, तो निम्नलिखित कदम तुरंत उठाने चाहिए:
1. तुरंत अस्पताल जाएंः
अपेंडिक्स के फटने के लक्षण दिखते ही किसी नजदीकी अस्पताल में जाएं। इसमें देर करना घातक हो सकता है।
2. लक्षणों को पहचानेंः
अगर निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
पेट के निचले दाईं ओर तेज दर्द
बुखार और ठंड लगना
मतली और उल्टी
भूख न लगना
पेट फूलना या कठोर महसूस होना
तेजी से दिल की धड़कन बढ़ना
पेशाब या मल त्याग में कठिनाई
3. सर्जरी कराना जरूरी हैः
अपेंडिक्स फटने के बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। इसमें दो प्रकार की सर्जरी हो सकती है
लैप्रोस्कोपिक सर्जरीः
छोटे छेदों के जरिए सर्जरी की जाती है, जिससे रिकवरी तेजी से होती है।
ओपन सर्जरीः यदि संक्रमण बहुत ज्यादा फैल चुका हो, तो पेट को खोलकर अपेंडिक्स को निकाला जाता है और अंदरूनी सफाई की जाती है।
4. एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएं लेना जरूरी हैः
सर्जरी के बाद मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। मरीज को 5-7 दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
5. घरेलू देखभाल और परहेजः
सर्जरी के बाद उचित देखभाल जरूरी होती हैः
हल्का और सुपाच्य भोजन करें
अधिक पानी पिएं
भारी सामान उठाने से बचें
घाव की साफ-सफाई का ध्यान रखें
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें
अपेंडिक्स फटने से बचाव कैसे करेंः
हालांकि अपेंडिसाइटिस को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।
1. फाइबर युक्त भोजन करें: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें खाने से अपेंडिक्स में सूजन की संभावना कम होती है।
2. पानी ज्यादा पिएंः पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन तंत्र सही रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
3. कब्ज से बचेंः लगातार कब्ज रहने से अपेंडिक्स में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें और फाइबर युक्त आहार लें।
4. संकेतों को नजरअंदाज न करेंः अगर पेट में बार-बार दर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
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निष्कर्षः अपेंडिक्स फटने की स्थिति बेहद खतरनाक होती है और इसमें समय पर इलाज ही जीवन बचा सकता है। यदि मरीज को तुरंत सर्जरी और एंटीबायोटिक्स मिल जाते हैं, तो बचने की संभावना 90% से अधिक होती है। लक्षणों को पहचानना, तुरंत अस्पताल जाना, और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है। सही आहार और जीवनशैली अपनाकर अपेंडिक्स की समस्या से बचा जा सकता है।
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