Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बच सकते हैं और क्या है इसका सही इलाज?
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का सही वक्त पर इलाज नहीं किया जाए तो यह जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है। रिसर्च के अनुसार, भारत में इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस आर्टिकल में हम आपको ब्रेस्ट कैंस से जुड़े सभी जरूरी सवालों के जवाब दे रहे हैं। जैसे ब्रेस्ट कैंसर क्या है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण क्या है। इसके संकेत और लक्षण क्या है इत्यादी।
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
कभी-कभी महिलाओं में ब्रेस्ट सेल्स की रफ्तार अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती है। सामान्य तौर पर लोब्यूल्स और दूध की नलिकाओं में घुसकर ये खराब सेल सेहतमंद सेल्स पर बुरा असर डालते हैं और फिर ये धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों को भी डैमेज करने लगते हैं। अधिकतर मामलों में स्तन कैंसर डक्ट में छोटे कैल्शिफिकेशन (सख्त कण) के जमने से या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ (Lump in Breast) बनने से शुरू होता है। धीरे-धीरे बढ़कर ये कैंसर का रूप लेने लगते हैं। इतना ही नहीं, इसके साथ ही लिंफोटिक चैनल या खून के दौरे के जरिए शरीर के दूसरे अंगों में भी फैल सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के कारण
महिलाओं में तेजी से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) बढ़ने का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। ब्रा में सेलफोन रखने, शराब पीने या स्मोकिंग करने, बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने, हॉर्मोनल इमबैलेंस, आयोडीन की कमी आदि कारण से हो सकते हैं। इन सबके अलावा मोटापा, बढ़ती उम्र, पहले बच्चे का जन्म ज्यादा उम्र में होने से भी ब्रेस्ट कैंसर होने (Breast Cancer) की आशंका अधिक हो जाती है। इसके अलावा फैमिली हिस्ट्री भी कई बार इस बीमारी की वजह बन सकती है। इन सबके अलावा कुछ और ऐसे कारण होते हैं जिनसे आपको ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बनी रहती है।
कई बार देखा गया है सामान्य उम्र की तुलना में 12 साल की उम्र या इससे पहले ही पीरियड्स आ जाते हैं। हॉर्मोन एस्ट्रोजन का अधिक स्राव होने से, 30 साल की या इससे अधिक उम्र के बाद प्रेग्नेंट होना, बर्थ कंट्रोल पिल्स का ज्यादा सेवन करना, 55 की उम्र के बाद पीरियड्स आना बंद हो जाना, शरीर में जनेटिक बदलाव होने के चलते और साथ ही ऐसी महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अन्य महिलाओं की तुलना में 20 फीसदी तक बढ़ जाता है जो मोनोपॉज के बाद हॉर्मोन रिप्लेसमेंट कराती है।
इसके कारण
- फैमिली हिस्ट्री
- BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन होना
- मासिक धर्म का समय से पहले आना
- देर से मिनोपॉज होना
- लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोली लेना
- हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी करवाना
- खराब जीवनशैली होना जैसे स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, मोटापा, सेडेंटरी लाइफस्टाइल, ब्रेस्ट फीडिंग न करने आदि वजहों से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है
ब्रेस्ट कैंसर के लेवल
ब्रेस्ट कैंसर के लेवल होते हैंः 0, IA, IB, IIA, IIB, IIIA, IIIB, IIIC और आखिरी लेवल IV होता है। हर एक लेवल कैंसर के बढ़ते फैलाव को दर्शाता है। ब्रेस्ट कैंसर का आखिरी लेवल मेटास्टेसिस बहुत खतरनाक होता है। इसमें जिंदा रहने की कम संभावना होती है।
स्तन कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षण
महिलाओं को यह जानना बहुत जरूरी है कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षण क्या होते है। जिससे वह इस बीमारी को पहचान सके और उचित उपचार करवा सकें। ताकि वह इस कैंसर से अपनी पूरी तरह से बचाव कर सकें। ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी शुरुआती तौर पर कई लक्षण दिखाती है लेकिन हम उसे अंदेखा कर देते हैं। यदि हम समय रहते ही इस बीमारी की पहचान कर लें, तो इससे होने वाली मौतों के स्तर को हम कम कर सकते हैं, तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिससे आप खुद को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकती हैं।
ये ब्रेस्ट कैंसर होने का संकेत हो सकते हैं
- महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ या मस्से होना
- पूरे ब्रेस्ट या किसी हिस्से में सूजन होना
- ब्रेस्ट की त्वचा में परिवर्तन होना जैसे
- स्किन में जलन या त्वचा का लाल पड़ना
- स्किन का मोटा होना
- त्वचा की बनावट में परिवर्तन होना
- निप्पल में बदलाव होना
- अंडरआर्म में गांठ होना
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करना
- ब्रेस्ट कैंसर को कम करने के लिये महिलाओं को स्वस्थ वज़न बनाए रखना बहुत आवश्यक है।
- स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सब्जियों, मछली और कम फैट वाली चीजें कम खानी चाहिए।
- नियमित रूप से अपनी जांच भी करवाना चाहिए।
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