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Bronchiolitis Treatment: जानिए क्या है ब्रोंकियोलाइटिस, जानें सही इलाज

07:30 PM Mar 15, 2025 IST | Vijay Dadwal

Bronchiolitis Treatment:  ब्रोंकियोलाइटिस एक श्वसन तंत्र की बीमारी है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों और शिशुओं में देखी जाती है। यह एक वायरल संक्रमण के कारण होती है, जो फेफड़ों की छोटी वायुमार्ग नलिकाओं (Bronchiolitis Treatment) को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर सर्दी के मौसम में अधिक होता है और रिस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) इसका प्रमुख कारण होता है।
लक्षणः
ब्रोंकियोलाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरू में सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
प्रारंभिक लक्षणः
1. सर्दी जैसे लक्षणः नाक बहना, छींक आना, हल्का बुखार
2. हल्की खांसीः जो धीरे-धीरे तेज हो सकती है
3. भोजन में कमीः बच्चा दूध या खाना ठीक से नहीं पीता
बढ़ते संक्रमण के लक्षणः
1. खांसी बढ़ जाना – लगातार और तेज खांसी
2. सांस लेने में कठिनाईः तेज और गहरी सांसें लेना
3. घरघराहटः सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना
4. त्वचा का रंग बदलना – ऑक्सिजन की कमी के कारण होंठ या नाखून नीले पड़ सकते हैं
5. थकान और सुस्तीः बच्चा असामान्य रूप से कमज़ोर और सुस्त लग सकता है

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कारणः
ब्रोंकियोलाइटिस आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है। RSV के अलावा, राइनोवायरस, एडेनोवायरस और पैराइन्फ्लुएंजा वायरस भी इसका कारण हो सकते हैं।
1. छोटे शिशु (6 महीने से कम उम्र): इनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
2. प्रीमैच्योर जन्मे बच्चेः इनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते।
3. धूम्रपान के संपर्क में आनाः यदि माता-पिता धूम्रपान करते हों।
4. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रहनाः जैसे डे केयर सेंटर आदि।
5. कमजोर इम्यून सिस्टमः अन्य बीमारियों से ग्रसित बच्चे।
निदानः ब्रोंकियोलाइटिस का निदान आमतौर पर डॉक्टर शारीरिक जांच और लक्षणों के आधार पर करते हैं।
निदान की प्रक्रिया
1. शारीरिक परीक्षणः डॉक्टर बच्चे की सांस लेने की गति, आवाज और ऑक्सिजन स्तर की जांच करते हैं
2. नाक या गले से बलगम का सैंपलः वायरल संक्रमण की पुष्टि के लिए
3. ऑक्सिजन स्तर की जांचः ऑक्सिजन की कमी का पता लगाने के लिए
4. छाती का एक्स-रेः यदि लक्षण बहुत गंभीर हैं, तो फेफड़ों में संक्रमण या अन्य समस्याओं की जांच के लिए
5. ब्लड टेस्टः संक्रमण की गंभीरता को समझने के लिए
उपचार और देखभालः
ब्रोंकियोलाइटिस का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपचार किया जाता है।
घर पर देखभालः
1. पर्याप्त आरामः बच्चे को आराम करने दें।
2. हाइड्रेशन बनाए रखेंः पर्याप्त मात्रा में दूध या पानी दें।
3. नम हवा में सांस लेने देंः ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
4. नाक की सफाईः सलाइन ड्रॉप्स और बलगम निकालने वाले उपकरण का उपयोग करें।
5. बुखार कम करने की दवा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही प्रभावी दवा लेनी चाहिए।
कब अस्पताल जाना चाहिएः यदि बच्चा बहुत तेज़ सांस ले रहा है, दूध नहीं पी रहा या होंठ नीले पड़ रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
निष्कर्षः ब्रोंकियोलाइटिस एक आम लेकिन कभी-कभी गंभीर समस्या हो सकती है, खासकर छोटे बच्चों में। सही देखभाल और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना आवश्यक है।

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