cholesterol control tips: कॉलेस्ट्रॉलः दिल का कितना बड़ा दुश्मन
cholesterol control tips: कॉलेस्ट्रॉल को हाल तक दिल के सबसे बड़े दुश्मनों में माना जाता था लेकिन पिछले दो-तीन बरसों में कहा गया कि कॉलेस्ट्रॉल दिल का सबसे बड़ा दुश्मन नहीं है, खासकर खाने से मिलने वाला कॉलेस्ट्रॉल। हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कॉलेस्ट्रॉल से दिल को बिलकुल भी खतरा नहीं है। डॉक्टर मानते हैं कि हम खाने में जो कॉलेस्ट्रॉल ले रहे हैं, उसका ब्लॉकेज से डायरेक्ट लिंक नहीं है। लेकिन जिन लोगों में जन्म से ही हाई कॉलेस्ट्रॉल होता है, उनके लिए यह बड़ा रिस्क फैक्टर है। इसी तरह अगर LDL यानी बैड कॉलेस्ट्रॉल 180 से ज्यादा है तो वह दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। जिन लोगों में रिस्क फैक्टर है और कॉलेस्ट्रॉल भी हाई है, उनके लिए खतरा ज्यादा बढ़ जाता है मसलन अगर हाई कॉलेस्ट्रॉल है और साथ में स्मोकिंग करते हैं तो 5 गुना और डायबीटीज है तो 15 गुना तक दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि आज भी दिल की सेहत की जांच के लिए कॉलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराया जाता है।
नई रिसर्च की खास बातें:
- कॉलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी की बड़ी वजह है, यह सही है लेकिन हम खाने में जो कॉलेस्ट्रॉल ले रहे हैं, उसका कोई खास खतरा नहीं है।
- ट्रांस फैट्स बेहद नुकसानदेह हैं। ट्रांस फैट्स तेल को बार-बार गर्म करने या बहुत तेज गर्म करने पर पैदा होते हैं। ये वनस्पति घी में ज्यादा पाए जाते हैं।
- LDL (बैड कॉलेस्ट्रॉल) ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
- सैचुरेटिड फैट्स (घी, बटर, चीज, रेड मीट आदि) से दिल की बीमारी का सीधा कनेक्शन नहीं है।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (सफेद चीनी, सफेद चावल और सफेद मैदा) फैट से कहीं ज्यादा नुकसानदेह हैं।
कब खतरनाक होता है कॉलेस्ट्रॉल?
कॉलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा-सा पदार्थ है, जो शरीर के सभी सेल्स में पाया जाता है। हमारे नर्वस सिस्टम से लेकर डाइजेशन तक में यह मदद करता है। लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो आर्टरीज में जमा होने लगता है। अगर जमा कॉलेस्ट्रॉल का कोई हिस्सा टूटकर आर्टरीज को ब्लॉक कर दे तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है। वैसे, हमारे शरीर में कॉलेस्ट्रॉल तब जमा होता है, जब हमारी आर्टरीज़ में सूजन हो या वे पूरी तरह स्वस्थ न हों। CRP (सी-रिएक्टिव प्रोटीन) ब्लड टेस्ट मार्कर से आर्टरीज की सूजन का पता लगाया जाता है।
क्या खाने से जुड़ा कॉलेस्ट्रॉल खतरनाक है?
आप खाने में जो कॉलेस्ट्रॉल ले रहे हैं, वह सीधे ब्लड में नहीं जाता। इसके उलट अगर ज्यादा रिफाइंड कार्ब (मैदा, चीनी, चावल आदि) खाते हैं तो शुगर लेवल बढ़ सकता है और शुगर लेवल बढ़ना दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में अगर आप सेहतमंद हैं तो खाने में कॉलेस्ट्रॉल वाली चीजों का ब्लड कॉलेस्ट्रॉल पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह है कि हमारे शरीर में मौजूद 85 से 88 फीसदी ब्लड कॉलेस्ट्रॉल लिवर बनाता है। सिर्फ 12 से 15 फीसदी कॉलेस्ट्रॉल ही हमें डाइट से मिलता है। लेकिन अगर पहले से ही कॉलेस्ट्रॉल ज्यादा है या रिस्क फैक्टर हैं (फैमिली हिस्ट्री, स्मोकिंग, मोटापा आदि) तो खाने के कॉलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल रखना भी बहुत जरूरी है। कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने के लिए जरूरी है कि हम ट्रांस फैट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट न खाएं। हां, फैट को पूरी तरह डाइट से निकालने की जरूरत नहीं है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि गुलाबजामुन खाने से बेहतर है, घर पर बनाए पकौड़े खाना।
क्या अब कॉलेस्ट्रॉल जांच की जरूरत नहीं रही?
कॉलेस्ट्रॉल जांच की जरूरत तो अब भी है क्योंकि हार्ट अटैक और स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजहों में से एक कॉलेस्ट्रॉल का बढ़ा होना है। कॉलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट होता है। इसमें एचडीएल (गुड कॉलेस्ट्रॉल), एलडीएल (बैड कॉलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसरॉइड और इनकी रेश्यो की जांच होती है। कुल कॉलेस्ट्रॉल 200 एमजी/डीएल या इससे कम होना चाहिए। एचडीएल 40 से कम होना और ट्राइग्लाइसराइड का बढ़ना खतरनाक है। अगर रिस्क फैक्टर नहीं है तो 30 साल की उम्र के बाद कॉलेस्ट्रॉल टेस्ट कराएं। अगर सब कुछ नॉर्मल निकलता है तो भी हर 3 साल में एक बार टेस्ट कराएं। 45 साल के बाद हर साल टेस्ट कराएं।
क्या अब घी, मक्खन, चीज से परहेज की जरूरत है?
पहले देसी घी, मक्खन, चीज आदि को सेहत के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा था, जोकि पूरी तरह सही नहीं है। आप स्वस्थ हैं तो खाने में रिफाइंड ऑयल के साथ-साथ देसी घी, मक्खन, चीज आदि फैट ले सकते हैं, लेकिन ज्यादा नहीं। आप हफ्ते में 3-4 अंडे का पीला हिस्सा भी ले सकते हैं, लेकिन वनस्पति घी से दूर रहें और एक बार से ज्यादा गर्म किया तेल यूज न करें। ध्यान रखें कि घी और तेल बहुत पुराना न हो। एक साल से पुराना तेल और 6 महीने से ज्यादा पुराना देसी घी यूज न करें। जिनका कॉलेस्ट्रॉल ज्यादा है, वे किसी भी तरह के सैचुरेटिड फैट से दूर ही रहें तो अच्छा है। ध्यान रखें कि फैट लिमिट में ही खाएं। सेहतमंद हैं तो भी रोजाना 3-4 चम्मच से ज्यादा फैट न लें। इसमें देसी घी, मक्खन और रिफाइंड ऑयल सभी कुछ शामिल है।
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