कोविड से लड़ने में कैसे मददगार है प्राणायाम, जानें सीनियर सर्जन से
कोरोना हमारे शरीर में घुसकर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर डालता है, यह तो हम सभी जानते हैं। ऐसे में लंग्स को मजबूत बनाकर और उनकी क्षमता बढ़ाकर हम कोविड-19 को घातक होने से रोक सकते हैं। तमाम योग गुरु, नेचरोपैथी और आयुर्वेद के एक्सपर्ट सांस की क्रियाएं और प्राणायाम के जरिए लंग्स की क्षमता बढ़ाने की बात तो करेत ही हैं लेकिन मॉडर्न मेडिसिन के एक्सपर्ट भी मानते हैं कि प्राणायाम के जरिए शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन जाती है, जिससे हमारे सेल्स बेहतर काम कर पाते हैं।
जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर और थॉरेसिक सर्जन डॉ. मोहित शर्मा के अनुसार यौगिक ब्रीदिंग और प्राणायाम के जरिए हम ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन पा सकते हैं। यों तो अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि सभी प्राणायाम असरदार हैं, लेकिन कनिष्ठा और भस्त्रिका खासकर फायदेमंद हैं। डॉ. मोहित आर्ट ऑफ लिविंग के सर्टिफाइड टीचर भी हैं और नियमति रूप से लोगों को योग और प्राणायाम सिखाते हैं।
वह कहते हैं, अगर किसी का ऑक्सीजन लेवल कम है तो वह 10-12 बार गहरी-लंबी सांस लें और ऑक्सीमीटर से जांचे। तुरंत ऑक्सीजन लेवल बढ़ा नजर आएगा। लेकिन उनका यह भी कहना है कि योग एक जीवनशैली है, उपचार नहीं। बीमार होने पर डॉक्टर से इलाज कराएं। योग से इलाज मुमकिन नहीं। हां, अगर आप चाहते हैं कि आप बीमार हो ही नहीं, तो रोजाना प्राणायाम और सांस की क्रियाएं करें।
डॉ. मोहित ने प्राणायाम के जरिए ऑक्सीजन बढ़ाने पर एक रिसर्च भी की है। उन्होंने अपनी रिसर्च में लिखा है कि हमारे लंग्स की क्षमता 6-8 लीटर होती है जबकि हम लोग आमतौर पर एक बार सांस लेने पर 500 एमएल ऑक्सीजन ही लेते हैं। यानी हम अपनी क्षमता का बमुश्किल 20 फीसदी ही इस्तेमाल करते हैं। अगर हम पूरी क्षमता से सांस लेते हैं तो शरीर में ऑक्सीजन लेवल में काफी इजाफा होता है। यही नहीं, प्राणायाम से घबराहट और बेचैनी भी दूर होती है। नाड़िशोधन प्राणायाम इस बारे में खासतौर पर असरदार है। डॉ. मोहित के अनुसार प्राणायाम के साथ-साथ मौन और दुनिया की भौतिक चीजों से दूरी भी तनाव को कम करती है।
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