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Gangrene Prevention Tips: जानें गैंगरीन से बचाव कैसे मुमकिन

01:30 PM Mar 16, 2025 IST | Vijay Dadwal
Gangrene Prevention Tips

Gangrene Prevention Tips: गैंगरीन एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के किसी हिस्से के टिश्यूज़ की मृत्यु हो जाती है। यह आमतौर पर खून के संचार की कमी, संक्रमण या किसी बाहरी चोट के कारण होता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति घातक हो सकती है।

गैंगरीन के कारणः
गैंगरीन होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह रक्त प्रवाह में बाधा और संक्रमण के कारण विकसित होती है।

1. ब्लड सर्कुलेशन में बाधा
ब्लड सर्कुलेशन की कमी शरीर के टिश्यूज़ को ऑक्सिजन और पोषक तत्वों से वंचित कर देती है, जिससे टिश्यूज़ मरने लगते हैं। यह स्थिति निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न हो सकती है।
धमनी रोग (Arterial Disease): जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, जिसमें धमनियों में प्लाक जमने से रक्त प्रवाह रुक जाता है।
डायबिटीज: डायबिटीज़ के मरीजों में ब्लड सर्कुलेशन की समस्या आम होती है, जिससे गैंगरीन का खतरा बढ़ जाता है।
धमनी में रुकावट: खून के थक्के या बाहरी चोट के कारण खून का प्रवाह बंद हो सकता है।

2. संक्रमणः
यदि शरीर में किसी घाव, जलने या सर्जरी के बाद संक्रमण हो जाता है तो यह गैंगरीन में बदल सकता है।
बैक्टीरिया: क्लॉस्ट्रिडियम परफ्रिंजेंस (Clostridium perfringens) नामक बैक्टीरिया गैंगरीन का मुख्य कारण होता है, जो टिश्यूज़ को तेजी से नष्ट कर देता है।
खुले घाव: सड़क दुर्घटनाओं या गंभीर चोटों के कारण होने वाले घाव संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं।
इम्यून सिस्टम की कमजोरी: जैसे कैंसर, एचआईवी/एड्स, या कीमोथैरेपी से कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता गैंगरीन के खतरे को बढ़ा सकती है।

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3. बाहरी चोटें या शारीरिक दबाव
ठंड में ब्लड सेल्स को नुकसान (Frostbite): अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से त्वचा और ब्लड सेल्स जम सकते हैं और गैंगरीन हो सकता है।
जलने और रेडिएशन: गंभीर जलने या रेडिएशन थेरेपी के कारण ब्लड सेल्स नष्ट हो सकते हैं, जिससे गैंगरीन विकसित हो सकता है।
सर्जरी में दिक्कत: कभी-कभी किसी ऑपरेशन के बाद सही ब्लड सर्कुलेशन न होना है।

गैंगरीन के प्रकारः

गैंगरीन मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:
1. ड्राई गैंगरीन- यह तब होता है, जब खून का प्रवाह किसी विशेष क्षेत्र में कम हो जाता है, लेकिन संक्रमण मौजूद नहीं होता। आमतौर पर डायबिटीज और धमनियों की बीमारियों के कारण होता है। प्रभावित अंग सूखकर काला पड़ जाता है और सिकुड़ जाता है।
2. वेट गैंगरीन- यह आमतौर पर किसी संक्रमण के कारण होती है, खासकर अगर किसी घाव में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाए। टिश्यूज़ फूलने लगते हैं, सड़ने लगते हैं और उसमें से दुर्गंध आती है। यह बहुत तेजी से फैलता है और यदि तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह घातक हो सकता है।
3. गैस गैंगरीन- यह विशेष रूप से क्लॉस्ट्रिडियम परफ्रिंजेंस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो टिश्यूज़ में गैस उत्पन्न करता है। संक्रमित क्षेत्र में सूजन, दर्द और हवा के बुलबुले महसूस होते हैं। यह सबसे खतरनाक गैंगरीन में से एक है और तुरंत सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
लक्षणः
गैंगरीन के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं।
त्वचा का रंग बदलकर लाल, नीला, बैंगनी या काला हो जाना।
प्रभावित क्षेत्र में सुन्नता या अत्यधिक दर्द।
सड़न की गंध आना।
त्वचा पर फफोले या छाले बनना।
बुखार, कमजोरी, और रक्त में संक्रमण (सेप्सिस) की स्थिति।
कैसे पहचानें
गैंगरीन की सही समय पर पहचान आवश्यक है। इसके लिए डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं।
शारीरिक जांच: त्वचा के रंग, तापमान और संवेदनशीलता की जांच।
इमेजिंग टेस्ट: एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन से संक्रमण और ऊतक क्षति का आकलन।
ब्लड टेस्ट: संक्रमण और सूजन के स्तर की जांच।
बैक्टीरियल कल्चर: बैक्टीरिया की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट।

उपचारः
गैंगरीन का इलाज जल्दी और प्रभावी रूप से करना जरूरी है, ताकि संक्रमण न फैले।
1. सर्जिकल उपचार
डीब्राइडमेंट (Debridement): मृत टिश्यूज़ को हटाना आवश्यक होता है ताकि संक्रमण आगे न फैले।
अंग को काटना (Amputation): यदि गैंगरीन गंभीर हो जाए और जीवन को खतरा हो, तो प्रभावित अंग को हटाना आवश्यक हो सकता है।
स्किन ग्राफ्टिंग: यदि त्वचा का नुकसान हो गया है, तो उसे ठीक करने के लिए त्वचा प्रत्यारोपण किया जाता है।
2. दवाएं और एंटीबायोटिक्सः
संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
दर्द और सूजन को कम करने के लिए उचित दवाओं का उपयोग किया जाता है।
3. ऑक्सिजन थेरेपीः
गैस गैंगरीन के इलाज के लिए हाइपरबेरिक ऑक्सिजन थेरेपी (HBOT) का उपयोग किया जाता है, जिसमें हाई प्रेशर वाली ऑक्सिजन शरीर में पहुंचाई जाती है।

रोकथामः
गैंगरीन से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं.
1. डायबिटीज को नियंत्रित करेंः डायबिटीज का स्तर संतुलित रखें।
2. धमनी रोगों से बचाव करेंः धूम्रपान, अधिक फैट वाले भोजन और आलस्य से बचें।
3. घावों का सही उपचार करेः छोटे घावों को भी नजरअंदाज न करें और साफ-सफाई बनाए रखें।
4. ठंड से बचाव करेंः अत्यधिक ठंड में हाथ-पैरों को ढककर रखें।
5. संक्रमण से बचाव करेंः संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सारः गैंगरीन एक खतरनाक स्थिति है, लेकिन यदि इसे समय पर पहचाना और इलाज किया जाए, तो इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, संक्रमण से बचकर और किसी भी शारीरिक समस्या को अनदेखा न करके गैंगरीन के खतरे को कम किया जा सकता है।

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