Heart Attack: लक्षण, कारण और बचाव, डॉक्टर के पास के पास कब जाएं
Heart Attack Symptoms and Prevention: यदि किसी व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए तो हमें क्या करना चाहिए? ऐसे में हम क्या कर सकते हैं, इसके लिए हमें दिल का दौरा या हार्ट अटैक को पहले बारीकी से समझने (Heart Attack Symptoms and Prevention) की जरूरत है। हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे किसी ने सीने पर पत्थर रख दिया हो। इस दौरान सीने के बीच में बहुत तेज दर्द होता है। इसके साथ ही तेज पसीना, बेचैनी, घबराहट होना इसके प्रमुख लक्षण (Heart Attack Symptoms and Prevention) हैं। ये दर्द लगातार बढ़ता जाए और लेफ्ट हैंड की तरफ जाता लगे तो यह स्थिति हार्टअटैक की हो सकती है।
- हार्ट अटैक के लक्षण (Heart Attack Symptoms)
- सीने के बीच में तेज दर्द होना
- सीने में जकड़न महसूस होना
- बेचैनी और घबराहट
- तेज पसीना आना
- दिल की धड़कन असमान्य होना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- उल्टी आना या जी मचलाना
- दर्द का लगातार तेज होना
- दर्द का बाएं हाथ की तरफ बढ़ना
- कई बार ये दर्द जबड़े और गले में भी महसूस हो सकता है
कई बार दिल का दौरा बिना किसी लक्षण के भी आ सकता है। व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाए लेकिन कुछ भी प्रतिक्रिया न हो तो समझ लीजिए कि ये साइलेंट मायोकार्डियल इनफेक्शन (SMI) हैं। ये एक ऐसी कंडिशन है जिसमें व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने के बावजूद न तो सीने में दर्द महसूस होता है, न ही घबराट और न ही बेचैनी होती है। डायबिटीज के मरीजों को कई बार साइलेंट दिल के दौरे का सामना करना पड़ता है। ऐसी कंडिशन में आप बिल्कुल भी रिस्क न लें और आशंका होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
इसके अलावा कुछ मरीजों में दिल का दौरा पड़ने पर सिर्फ सीने में दर्द की शिकायत की जाती है और दूसरे लक्षण नहीं दिखाई देते। ऐसे में लोग इसे एसिडिटी का दर्द समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। अगर एसिडिटी (Antacid) की दवा लेने पर भी दर्द कम ना हो और करीब आधे घंटे या उससे ज्यादा बना रहे तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
हार्ट अटैक के कारण (heart attack causes)
रिसर्च के मुताबिक, 45 साल से अधिक उम्र वाले पुरुषों और 55 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बाकी ऐज ग्रुप की तुलना में सबसे ज्यादा होती है। दिल का दौरान पड़ने के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैंः
- फैमिली हिस्ट्री
- जंक फूड खाना या अधिक मसालेदार खान
- हाई ब्लड प्रेशर
- मोटापा
- डायबिटीज
- स्मोकिंग
- बहुत ज्यादा शराब पीना
- मानसिक तनाव
- उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर
- एक्सरसाइज न करना
हार्ट अटैक आने पर क्या करें (What to do when a heart attack occurs)
अगर किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है तो सबसे पहले लक्षणों को समझें। छाती में दर्द, जकड़न या घबराहट महसूस होना हार्ट अटैक की ओर इशारा करता है। दिल का दौरा पड़ने की आशंका होने पर एस्प्रिन (Asprin, 325mg) की गोली चबा लें या पानी में घोल कर पी लें। चबाने या घोलकर पीने से असर तेज होता है। फिर बिना देर किए फौरन नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाएं। काम का दबाव, वर्क लोड या मानसिक तनाव या अन्य कोई कारण समझ दर्द को अनदेखा न करें।
हार्ट अटैक में गोल्डन आवर का रूल क्या है (What is the rule of golden hour in heart attack)
कहते हैं कि हार्ट अटैक में गोल्डन आवर (golden hour) का नियम बेहद अहम है। दिल का दौरा पड़ने के एक घंटे के भीतर अगर मरीज को सही इलाज मिल जाए तो दिल की मांसपेशियों को नुकसान नहीं होता। लेकिन इलाज मिलने में जरा सी भी देरी हो तो दिल की मांसपेशियों को गंभीर नुकसान होता है। इसके साथ ही कई बार जान भी जाने का खतरा बढ़ जाता है।
- हार्ट अटैक से बचाव (Heart attack prevention)
- तंबाकू न खाएं, न पिएं
- बीपी कंट्रोल में रखें
- लोअर बीपी 80 से कम रखें
- कोलेस्ट्रॉल 200 से नीचे रखे
- मोटापा कम करें
- कमर का घेरा महिलाओं में 35 इंच और पुरुषों में 40 इंच से ज्यादा न हो
- रोजाना कम से कम 45 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करें
- तनाव कम करने के लिए योगासन, प्राणायाम और डीप ब्रीदिंग करें।
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