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Coronavirus बच्चों पर क्यों पड़ रहा भारी?

11:18 AM Apr 16, 2021 IST | Health OPD

Coronavirus Affect on children: कोरोना की पिछली लहर के उलट इस बार बच्चों में कोरोना काफी फैल रहा है। इसकी वजह यह है वायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा शक्तिशाली है और डबल म्यूटेशन ( 2 तरह के स्ट्रेन को मिलाकर नया वायरस) वाला वायरस (Covid19 virus) बच्चों की सेहत (Coronavirus covid19 Affect children) को नुकसान पहुंचा रहा है। 1 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे कोरोना (coronavirus children) का शिकार हो रहे हैं।सीनियर पीडियाट्रिशन और नेफ्रोन क्लीनिक के चेयरमैन डॉ. संजीव बगई के अनुसार दुनिया भर की बात करें तो पिछले साल 18  साल से कम उम्र के 11% बच्चों को कोरोना (Coronavirus covid19 Affect children) हुआ, जबकि इस बार यह संख्या 40 % तक पहुंच गई है। पिछले साल जहां बच्चों के मामले में टी सेल्स इंटरल्यूकिन सेल्स बचाव कर रहे थे, इस बार नहीं कर पा रहे।
  
(These symptoms can be seen in children) बच्चों में नजर आ सकते हैं ये लक्षण सीनियर कैंसर सर्जन डॉ.अंशुमान कुमार के अनुसार बड़ों में जहां जुकाम-खांसी, बुखार के साथ-साथ रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर दिख रहा है, वहीं बच्चों में बुखार के साथ डायरिया और उलटी वाले लक्षण ज्यादा हैं। जुकाम, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, थकान आदि लक्षण दिखते हैं। अगर समस्या बढ़ जाए तो कुछ बच्चों में मल्टी-सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (MIS-C) भी दिख सकता है। इसमें हार्ट, लिवर, ब्रेन से लेकर डायजेस्टिव सिस्टम तक में सूजन हो जाती है। इसके अलावा, कावासाकी डिसीज़ ( Kawasaki Disease) और कावासाकी लाइक डिसीज़ ( Kawasaki Like Disease) तक भी कई मामले पहुंच रहे हैं। यह स्थिति बेहद घातक साबित हो सकती है।  

(What to do if the child is found positive from the corona?) बच्चे के कोरोना से पॉजिटिव पाए जाने पर क्या करें?
- अगर बच्चे में कोरोना का कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। खुद इलाज न करें।
- बच्चे को ब्रूफीन और निमोसिलाइड न दें। इनसे प्लेटलेट्स और ब्लड काउंट नष्ट हो जाते हैं। 
- बच्चे का फौरन कोविड टेस्ट कराएं। हालांकि टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आए तो भी डॉक्टर की सलाह पर बच्चे का पूरा इलाज कराएं।
- बच्चे को आइसोलेट कर दें। हालांकि बच्चे का लंबे समय तक अकेले रहना मुश्किल होता है, ऐसे में मां या पिता, कोई एक ही बच्चे के संपर्क में रहे। 
- संपर्क वाला शख्स सारी सावधानियां बरते, लगातार N-95 या सर्जिकल मास्क लगाकर रखें। हाथ  बार-बार धोएं। 
- वह खुद को परिवार के दूसरों लोगों से अलग रखे।  
-  MIS-C के लक्षण नजर आने पर बच्चे को फौरन अस्पताल में भर्ती करें। 

(How to protect children from coronavirus) बच्चों को ऐसे बचाएं वायरस से
- बच्चों को बाहर न निकालें। उन्हें पार्क में भी लेकर न जाएं।
- 2 साल से बड़े सभी बच्चों को मास्क लगाएं। 
- बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन आदि की आदत डलवाएं। 
- उनके हाथ बार-बार साबुन से सही तरीके से धुलवाएं।  
- बाहर से कोई सामान आ रहा है तो बच्चों को सैनिटाइज किए बिना छूने न दें। 

https://www.youtube.com/watch?v=tWJy5-7GkwY

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