Joint Pain: क्यों होता है जोड़ों में दर्द, जानिए इसके कारण और उपचार
जैसा कि हमेशा से कहा जाता है अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे जीवन के लिए संतुलित आहार के साथ व्यवस्थित दिनचर्या का होना आवश्यक है लेकिन उम्र ढलते ही तमाम व्याधियां व्यक्ति को घेरने लगती है ऐसे में हम बात कर रहे है जोड़ों के असहनीय दर्द की।
क्या होता है जोड़ों में दर्द
आमतौर पर जोड़ों के दर्द से हम यह समझते है कि, शरीर के किसी अंग के जोड़ में खिंचाव, दर्द, अकड़न महसूस होना। इस समस्या में व्यक्ति के एक या दोनों जोड़ प्रभावित होते है। जहां यह दर्द तेज, कम, जलनशील या कम-ज़्यादा व्यक्ति को होता है। कहा जाता है कि, इसे घरेलू नुस्खों का उपयोग कर दूर किया जा सकता है लेकिन इस समस्या में एकमात्र विकल्प जोड़ों को बदलना ही होता है।
क्या है जोड़ों के दर्द के लक्षण
इस जोड़ों के दर्द की समस्या के लक्षण को लेकर बात करे तो इसके दर्द की शुरूआत सामान्य दर्द से होती है। जिससे व्यक्ति इसकी गंभीरता को जल्दी से समझ नहीं पाता और जब दर्द और बढ़ जाता है तब डॉक्टरों की सलाह ही एकमात्र उपाय बचता है। इस समस्या के यह होते है संकेत और लक्षण-
1- जोड़ों में सूजन का होना- इस समस्या के मुख्य लक्षणों में प्रायः जोड़ों में सूजन होना या आना है। जिसे लेकर दर्द को कम करने के लिए सिकाई करने पर जोर दिया जाता है लेकिन गंभीर स्थिति में मेडिकल सहायता लेना जरूरी है।
2- चलने में परेशानी का होना- इसके प्रमुख लक्षणों में से एक लक्षण है चलने में परेशानी का होना। यह मुख्य रूप से तब होता है, जब घुटनों के जोड़ों में दर्द होता है जिस अवस्था में पीड़ित को उठने-बैठने में भी दिक्कतें आती है।
3- जोड़ों में नरमी होना- जिस तरह जोड़ों के दर्द के लक्षण सामान्य से गंभीर तक हो सकते है उसमें ही जोड़ों में नरमी का होना एक लक्षण मात्र है। इसके अलावा प्रायः कुछ लोगों को अपने जोड़ों में अकड़न की समस्या का होना भी इसका एक लक्षण मात्र है।
4- जोड़ों में लालपन होना- इस समस्या के कई लक्षणों में से एक अचानक से जोड़ों में लालपन का होना भी इसका लक्षण और संकेत है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेने की बात की जाती है ताकि समय रहते उपचार मिल सके।
क्या होते है जोड़ों के दर्द के मुख्य कारण
आमतौर पर जोड़ों में दर्द में मुख्य कारण क्या होते है और समय रहते इसे कैसे पहचाने काफी मुश्किल होता है। इसके कई संभावित कारण है जिसे शोध और अध्ययनों से स्पष्ट किया गया है।
1- जोड़ों में संक्रमण का होना- इस समस्या के कई कारण होते है जिनमें है जोड़ों के दर्द में संक्रमण का होना। जिसे लोग एंटीबायोटिक दवाई का सेवन करके दूर कर लेते है लेकिन काफी समय तक समस्या ठीक ना हो तो यह जोड़ों का दर्द का कारण बन सकती है।
2- चोट लगना या मोच का आना - आमतौर पर इसके प्रमुख कारणों में से एक प्रमुख कारण चोट लगना है। ऐसा अंदरूनी चोट लगने पर ही होता है, जिसकी तुरंत जांच करके ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा जोड़ों में दर्द का कारण कभी-कभी मोच आने से भी हो सकता है। जिसकी अवस्था में हड्डी विशेषज्ञ से मिलकर मोच को ठीक किया जा सकता है।
3-जोड़ों के बीच का तरल पदार्थ का खत्म होना- जोड़ों का दर्द ऐसे लोगों को भी हो सकता है, जिनके जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है।
जोडों के बीच का ग्रीस का मुख्य काम जोड़ों की कार्य क्षमता को बनाए रखना लेकिन जब ये समाप्त हो जाता है, तो यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनता है।
क्या होते है जोड़ों के दर्द के ख़तरे
सामान्य तौर पर जोड़ों के दर्द को गंभीरता से लिया जाए तो इलाज कर हम इसके ख़तरे से बच सकते है। देखा जाता है कि, लोग समस्या को नजरअंदाज कर देते है और फिर खामियाजा भुगतना पड़ता है। संभावित खतरे यह हो सकते है जिसे समझना आवश्यक है।
-दर्द वाले अंग का खराब होना- जोड़ों के दर्द के संभावित खतरो की बात की जाए तो दर्द का असर जिस अंग पर पड़ता है वह खराब होने की संभावना होती है जिसे बदलवाना ही एकमात्र विकल्प होता है।
-तेज दर्द का बढ़ना- जोड़ों का दर्द की समस्या होने पर जब इलाज लंबे समय तक ना हो तो यह बढ़ने लगता है। इस असहनीय दर्द से निजात दर्दनिवारक दवाई से भी आराम नहीं मिलता है।
सामान्य काम करने में भी परेशानी होना- यह समस्या से प्रभावित लोगों को दैनिक कामों जैसे झुककर कोई चीज़ उठाना, ज़मीन पर बैठना, ज्यादातर देर तक घुटने मोड़कर बैठना इत्यादि को करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
क्या है जोड़ों के दर्द के रोकथाम
जोड़ों के दर्द की समस्या का समाधान या इससे बचाव समय रहते किया जाए तो अनवरत कष्टदायक दर्द से बचा जा सकता है। जिसके लिए हम अपने आसान से उपायों को अपनाकर रोकथाम कर सकते हैं।
-पौष्टिक और संतुलित आहार अपनाना- जोड़ों के असहनीय दर्द से बचाव के लिए सबसे पहले अपने खान-पान पर विशेष ध्यान अनिवार्य होता है। जहां खानपान असंतुलित हो तो स्वास्थ पर गहरा असर पड़ता है। जिसके लिए हमे नियमानुसार केवल संतुलित आहार ही लेना चाहिए।
योग और व्यायाम करना- स्वास्थ विशेषज्ञ मानते है कि अच्छे स्वास्थ के लिए अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति हर रोज़ एक्सराइज़ करे, तो वह काफी सारी बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकता है।
- वजन नियंत्रित रखना - जोड़ों के दर्द की समस्या के कारणों में व्यक्ति का वजन भी एक कारण होता है। जिसे लेकर कहा जाता है कि वजन नियंत्रित रहने से सभी व्याधियों से बचा जा सकता है।
- डॉक्टर से परामर्श लेते रहना - जोड़ों की दर्द की समस्या के लिए पीड़ित लोगो को सबसे पहले डॉक्टरों से परामर्श लेते रहना जरूरी है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। पूरी तरह से स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टरों की सलाह समय - समय पर लेते रहें।
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