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Menstrual Cycle Irregularities: पीरियड्स रुकने से क्या बीमारी होती है?

09:30 PM Mar 17, 2025 IST | Vijay Dadwal
menstrual cycle irregularities  पीरियड्स रुकने से क्या बीमारी होती है

Menstrual Cycle Irregularities:मासिक धर्म (पीरियड्स) महिलाओं के शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखने और प्रजनन क्षमता को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है। सामान्यतः, महिलाओं का मासिक धर्म 21 से 35 दिनों के बीच आता है, लेकिन अगर पीरियड्स लंबे समय तक रुक जाएं (Menstrual Cycle Irregularities) या अनियमित हो जाएं, तो यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

पीरियड्स के रुकने की स्थिति को मेडिकल भाषा में अमेनेरिया (Amenorrhea) कहा जाता है। यह दो प्रकार की होती है:
1. प्राइमरी अमेनेरियाःजब किसी लड़की को 15-16 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू ही नहीं होते।

2. सेकेंडरी अमेनेरियाः जब किसी महिला के नियमित पीरियड्स अचानक 3 महीने या उससे अधिक समय तक बंद हो जाते हैं।

पीरियड्स रुकने के कारण:
पीरियड्स रुकने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हॉर्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी, तनाव, मोटापा, दवाओं के प्रभाव और अन्य बीमारियां शामिल हैं।

1. हॉर्मोनल असंतुलन से संबंधित बीमारियां:
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
यह एक सामान्य हॉर्मोनल विकार है, जिसमें अंडाशय (ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठें) बन जाती हैं।
एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का असंतुलन पीरियड्स को रोक सकता है।
इसके अन्य लक्षणों में चेहरे पर बाल आना, मुंहासे, वजन बढ़ना और गर्भधारण में कठिनाई शामिल हैं।

थायरॉयड की समस्याः
हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉयड हॉर्मोन की कमी) से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या पूरी तरह रुक सकते हैं।
हाइपरथायरायडिज्म (थायरॉयड हॉर्मोन की अधिकता) से भी मासिक धर्म प्रभावित होता है।

हाइपरप्रोलैक्टिनेमियाः
यदि शरीर में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन का स्तर बहुत अधिक हो जाए, तो यह एस्ट्रोजेन उत्पादन को बाधित कर सकता है, जिससे पीरियड्स बंद हो सकते हैं।

2. वजन से संबंधित बीमारियां:
अत्यधिक वजन बढ़ना (मोटापा)
शरीर में अधिक फैट जमा होने से इंसुलिन और अन्य हॉर्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे पीरियड्स रुक सकते हैं। मोटापा, PCOS और डायबिटीज जैसी बीमारियों से भी जुड़ा होता है।

अत्यधिक वजन घट जानाः
बहुत अधिक डाइटिंग या कुपोषण से शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलता, जिससे पीरियड्स रुक सकते हैं। एनोरेक्सिया (Anorexia) और बुलिमिया (Bulimia) जैसी ईटिंग डिसऑर्डर वाली महिलाओं में यह समस्या आम होती है।

3. अत्यधिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएंः
तनाव हॉर्मोन कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) प्रभावित होता है, जो मासिक धर्म को नियंत्रित करता है। लंबे समय तक तनाव रहने से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या बंद हो सकते हैं। डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक बीमारियों का भी मासिक धर्म पर प्रभाव पड़ता है।

4. अत्यधिक व्यायाम या एथलेटिक ट्रेनिंग
जो महिलाएं अत्यधिक व्यायाम करती हैं, खासकर एथलीट्स, डांसर्स या जिमनास्ट्स, उनमें पीरियड्स रुकने की संभावना अधिक होती है।
शरीर में बहुत कम फैट और अधिक शारीरिक श्रम से एस्ट्रोजेन का स्तर गिर जाता है, जिससे मासिक धर्म बंद हो सकता है।

5. प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF):
यह स्थिति तब होती है, जब 40 वर्ष से पहले ही अंडाशय सामान्य रूप से काम करना बंद कर देते हैं। इसके कारण पीरियड्स रुक सकते हैं और महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

6. कुछ दवाओं और गर्भनिरोधकों का प्रभावः
कुछ दवाएं जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स, कैंसर की दवाएं, हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं और गर्भनिरोधक गोलियां, मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती हैं। लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करने के बाद पीरियड्स कुछ समय के लिए रुक सकते हैं।

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7. गर्भावस्था और स्तनपानः
यदि महिला गर्भवती होती है, तो पीरियड्स रुक जाते हैं। स्तनपान कराने के दौरान भी कई महिलाओं में पीरियड्स देर से आते हैं।

पीरियड्स रुकने से होने वाली समस्याएं और बीमारियां:
1. गर्भधारण में कठिनाईः यदि लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो यह बांझपन (Infertility) का कारण बन सकता है।
2. हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस): एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की कमी से हड्डियों की मजबूती कम हो सकती है।
3. दिल का रोगः हॉर्मोनल असंतुलन से हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
4. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशरः PCOS और मोटापे के कारण डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या हो सकती है।
5. मानसिक स्वास्थ्य पर मासिक धर्म की अनियमितता से तनाव, डिप्रेशन और चिंता बढ़ सकती है।

पीरियड्स को नियमित रखने के लिए क्या करेंः
1. संतुलित आहार लेंः हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
2. तनाव कम करेंः योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
3. संतुलित व्यायाम करेंः अत्यधिक व्यायाम से बचें और नियमित हल्का व्यायाम करें।
4. हार्मोनल संतुलन बनाए रखेंःयदि थायरॉयड या PCOS जैसी समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह लें।
5. डॉक्टर से सलाह लेंः यदि 3 महीने से अधिक समय तक पीरियड्स न आएं, तो डॉक्टर से मिलें।

सारः पीरियड्स का रुकना शरीर में किसी गहरी समस्या का संकेत हो सकता है। इसके पीछे हॉर्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी, तनाव, मोटापा या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सही जीवनशैली, संतुलित आहार और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से मासिक धर्म को नियमित रखा जा सकता है।

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