Health A to ZWomen and BeautySex and RelationshipWellnessVIDEOSKnow Your DoctorGeneralGhar Ka Doctor

Sleep apnea: नींद में क्यों रुक जाती है

05:30 PM Mar 15, 2025 IST | Vijay Dadwal

Sleep apnea: नींद में सांस रुकना एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिसे चिकित्सा भाषा में स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) कहा जाता है। यह तब होता है जब सोते समय व्यक्ति की (Sleep apnea) सांस कुछ सेकंड से लेकर एक मिनट तक अचानक बंद हो जाती है और फिर दोबारा शुरू होती है। यह प्रक्रिया रात में कई बार दोहराई जा सकती है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

 Holi color ear damage: होली का रंग कानों में जाने के नुकसान और उपाय

नींद में सांस रुकने के प्रकारः
1. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (OSA) – यह सबसे सामान्य प्रकार है। इसमें गले की मांसपेशियां अधिक रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
2. सेंट्रल स्लीप एप्नियाः इसमें मस्तिष्क शरीर को सांस लेने के सही संकेत नहीं भेज पाता, जिससे सांस कुछ समय के लिए रुक जाती है।
3. मिश्रित स्लीप एप्निया – यह ऑब्सट्रक्टिव और सेंट्रल स्लीप एप्निया का मिश्रण होता है।
नींद में सांस रुकने के लक्षण
रात में बार-बार सांस रुकने की समस्या
तेज खर्राटे लेना
नींद में अचानक जागना और घुटन महसूस करना
दिन में अत्यधिक थकान और नींद आना
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
सुबह सिरदर्द रहना
चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स
हाई बीपी और दिल के रोग का जोखिमः
कारण और जोखिम कारक
1. मोटापाः अधिक वजन के कारण गले के आसपास की चर्बी सांस के रास्ते को संकीर्ण कर सकती है।
2. बढ़ती उम्रः उम्र बढ़ने के साथ गले की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे सांस रुकने की संभावना बढ़ती है।
3. अल्कोहल और धूम्रपानः ये गले की मांसपेशियों को रिलैक्स कर सकते हैं, जिससे एप्निया की संभावना बढ़ जाती है।
4. नाक या गले की संरचनात्मक समस्याएंः टेढ़ी नाक की हड्डी, टॉन्सिल का बढ़ना, या गले का संकरा होना।
5. परिवार में इतिहासः यदि परिवार में किसी को स्लीप एप्निया की समस्या रही हो, तो यह आनुवंशिक रूप से हो सकता है।
6. अन्य बीमारियांः हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को स्लीप एप्निया का खतरा अधिक होता है।
इलाज और प्रबंधन:

1. जीवनशैली में बदलावः
वजन कम करेंः मोटापा कम करने से वायुमार्ग की रुकावट कम हो सकती है।
सोने की सही स्थिति अपनाएः पीठ के बल सोने की बजाय करवट लेकर सोना अधिक फायदेमंद होता है।
अल्कोहल और धूम्रपान से बचेंः ये गले की मांसपेशियों को रिलैक्स कर सकते हैं, जिससे सांस रुकने की संभावना बढ़ जाती है।
नियमित व्यायाम करेंः योग और सांस संबंधी व्यायाम मददगार हो सकते हैं।
सोने का समय निर्धारित करेः हर दिन एक निश्चित समय पर सोना और जागना जरूरी है।
2. चिकित्सा उपचारः मशीन यह सबसे प्रभावी इलाज माना जाता है। इसमें एक मास्क के माध्यम से हवा का दबाव दिया जाता है, जिससे वायुमार्ग खुला रहता है।
BiPAP (Bilevel Positive Airway Pressure) मशीन – यह उन लोगों के लिए होती है, जिन्हें CPAP सहन नहीं होता। इसमें दो तरह के दबाव होते हैं – सांस लेते समय अधिक और छोड़ते समय कम।
ओरल अप्लायंसेस – यह दंत उपकरण होते हैं, जो जीभ और जबड़े की स्थिति को सुधारते हैं, ताकि वायुमार्ग खुला रहे।
सर्जरीः अगर वायुमार्ग की समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर टॉन्सिल हटाने, नाक की हड्डी सीधी करने या वायुमार्ग को चौड़ा करने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
3. घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक उपचारः
हल्दी वाला दूधः हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम कर सकते हैं।
गर्म पानी से गरारेः यह गले की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
तुलसी और अदरक की चायः यह सर्दी-खांसी और सांस संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकती है।
प्राणायाम और अनुलोम-विलोमः ये व्यायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं।
निष्कर्षः नींद में सांस रुकने की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि आगे जाकर यह बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। सही समय पर पहचान और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको या आपके किसी परिचित को नींद में सांस रुकने की समस्या हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

Health OPD को आप Facebook, Twitter पर जरूर फॉलो करें। हेल्थ से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी के लिए आप हमारा YouTube चैनल जरूर सब्सक्राइब करें। फीडबैक या शिकायत के लिए आप हमें healthopdindia@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।

Tags :
Better sleepBreathing issueshealthy livingRespiratory healthSleep ApneaSleep disorderSleep healthsleep tipsSnoring problemwellness
Next Article