Stomach Acid: तनाव और पाचन तंत्र का खराब होना
Stomach Acid Imbalance: जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर की जैव रासायनिक प्रक्रिया (बायोकेमिकल प्रोसेस) में कई बदलाव आते हैं। इन परिवर्तनों में सबसे प्रमुख हैः हॉर्मोनल असंतुलन और (Stomach Acid) पाचन तंत्र में एसिड्स का असामान्य स्राव।
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तनाव और पाचन तंत्र का संबंधः
जब कोई व्यक्ति मानसिक तनाव (stress) में होता है, तो उसका स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (autonomic nervous system) सक्रिय हो जाता है। इसमें विशेष रूप से सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम (sympathetic nervous system) अधिक सक्रिय होता है, जिससे शरीर में कॉर्टिसोल (cortisol), एड्रेनालाईन (adrenaline) और नॉरएड्रेनालाईन (noradrenaline) जैसे तनाव हॉर्मोन बढ़ जाते हैं। ये हॉर्मोन शरीर को "लड़ाई या भागने" (fight or flight) की स्थिति में डालते हैं, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
जब पाचन क्रिया बाधित होती है तो पेट (stomach) और आंतों (intestines) में अम्लों का असंतुलित स्राव होता है। इससे अपच (indigestion), एसिडिटी (acidity), पेट दर्द (stomach ache) और पेट की अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
टेंशन में पेट से निकलने वाले प्रमुख एसिड
1. हाइड्रोक्लोरिक एसिड
पेट में पाया जाने वाला सबसे मुख्य अम्ल हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) होता है। सामान्य स्थिति में, यह खाने के पाचन में सहायता करता है और बैक्टीरिया को नष्ट करता है। जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो पेट में HCl का अत्यधिक स्राव हो सकता है, जिससे अम्लीयता (acidity) और गैस्ट्रिक अल्सर (gastric ulcer) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. लैक्टिक एसिडः
तनाव के कारण मांसपेशियों और पाचन तंत्र में लैक्टिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। यह एसिड पाचन क्रिया को धीमा कर सकता है और कब्ज (constipation) या डायरिया (diarrhea) जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
3. बाइले एसिडः
लिवर से निकलने वाले ये एसिड फैट (fat) को पचाने में सहायक होते हैं। अधिक तनाव की स्थिति में इनका असंतुलित स्राव पेट और आंतों में जलन उत्पन्न कर सकता है।
4. कार्बोनिक अम्लः
यह एसिड पेट में मौजूद बाइकार्बोनेट आयन (bicarbonate ions) से बनता है। इसकी अधिकता से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
तनाव का पाचन तंत्र पर प्रभाव
अम्लीयता (Acidity): तनाव के कारण पेट में HCl का अधिक स्राव होता है, जिससे एसिड रिफ्लैक्स (acid reflux) और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लैक्स डिजीज (GERD) हो सकती है।
पेट के अल्सर (Ulcers): अत्यधिक एसिडिटी से गैस्ट्रिक अल्सर और डुओडेनल अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है।
अपचः तनाव के कारण पाचन एंजाइमों का उत्पादन बाधित हो सकता है, जिससे भोजन का सही ढंग से पाचन नहीं हो पाता।
आईबीए: लंबे समय तक तनाव रहने से IBS हो सकता है, जिसमें कब्ज (constipation) और डायरिया (diarrhea) की समस्या होती है।
तनाव को कम करने के उपायः
1. ध्यान और योग: तनाव को कम करने में योग और ध्यान बहुत प्रभावी होते हैं।
2. संतुलित आहार: हरी सब्जियां, फल और कम एसिड वाला खाना खाने से पेट को राहत मिलती है।
3. नियमित व्यायाम: व्यायाम से शरीर में एंडॉर्फिन (endorphins) नामक हॉर्मोन बनता है, जो तनाव को कम करता है।
4. पर्याप्त नींद: नींद की कमी से शरीर में तनाव हॉर्मोन बढ़ सकते हैं, इसलिए 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
5. कैफीन और तले-भुने भोजन से बचें: ये पदार्थ पेट में अम्लीयता को बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्षः तनाव के दौरान पेट में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), लैक्टिक अम्ल, बाइले एसिड और कार्बोनिक अम्ल का असंतुलित स्राव होता है। इन अम्लों की अधिकता से एसिडिटी, अपच, अल्सर और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं इसलिए तनाव को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और संतुलित आहार लेना आवश्यक है।
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