Sleep Apnea: नींद में जान ले सकती है यह बीमारी, जानिए इसके बारे में सब कुछ...
Sleep Apnea: नींद में खर्राटे तो ज़्यादकर लोग लेते हैं लेकिन ज़्यादा ज़ोर से खर्राटे लेना और सोते वक्त सांस में दिक्कत होना कितनी तकलीफ दे सकता है शायद आपको न पता हो। स्लीप एप्निया एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसने कई लोगो की नींद में ही जान ले ली है। कई लोगों ने इसके बारे में सुना नहीं होगा लेकिन इसके सिम्टम्स ज़रूर देखे होंगे, जिन्हें वो नॉर्मल मानते होंगे लेकिन असल में वह नॉर्मल नहीं हैं। स्लीप एप्निया में अक्सर सोते वक्त बार बार सांस रुकना और शुरू होना लगा रहता है। इसके कई सारे लक्षण व कारण भी हैं जो आपको पता होना ज़रूरी है।
क्या है स्लीप एप्निया के लक्षण
नॉर्मल खर्राटे तो ज़्यादाकर सभी लेते होंगे लेकिन नींद मे बहुत ज़्यादा ज़ोर से खर्राटे लेना स्लीप एप्निया के लक्षणों में से एक हो सकता है। इसके साथ साथ इसके कुछ लक्षण भी जैसे बार बार नींद में सांस रुक जाना और फिर शुरू हो जाना, घबराहट या दम घुटने के कारण अचानक जान जाना, जागने के बाद ध्यान देने में कठिनाई होना, अचानक गले में ख़राश के साथ जागना, आदि।
स्लीप एप्निया के खतरे
हर बीमारी का कुछ न कुछ प्रभाव हमारे शरीर पर देखने को मिलता है। वही स्लीप एप्निया की बात करें तो स्लीप एप्निया से हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने का 40-50 % तक रिस्क बढ़ जाता है, ब्लड शुगर बढ़ने का 30% तक रिस्क होता है और स्ट्रोक के 4 गुना ज़्यादा चान्सेस बढ़ जाते हैं। हाल ही में एक और चीज़ देखी गयी है, डॉक्टर्स के रिपोट्स के अनुसार आज कल स्लीप एप्निया से तुरंत मौत का भी खतरा होने लगा है, ऐसे कई केस सामने आये हैं। एक रिपोर्ट के हिसाब से ज़्यादकर लोगों की मौत रात 12 से सुबह 4 बजे के बीच में ही होती है, जिसमें कहीं न कहीं ज़्यादा नहीं तो कुछ रोल स्लीप एप्निया का भी होता है।
क्यों होता है स्लीप एप्निया?
स्लीप एप्निया कई कारणों से हो सकता है। जैसे- मोटापा, संकीर्ण वायुमार्ग, सांस सही से न ले पाना, ज़्यादा सिगरेट या दारू का सेवन आदि। इसके अलावा अगर आपके परिवार में पहले किसी को इससे जूझना पड़ा था तो संभावना हो सकती है कि आपको भी यह बीमारी हो सकती है। स्लीप एप्निया ज़्यादातर पुरुषों में देखने को मिलता है।
कैसे करें कन्फर्म कि आपको स्लीप एप्निया है या नहीं?
अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। स्लीप एप्निया का टेस्ट कुछ इस प्रकार किया जाता है -
यह टेस्ट रात भर किया जाता है, जिसमें देखते हैं की एक घंटे में कितनी बार आपकी सांस रुकी और फिर शुरू हो गयी10 सेकंड से ज़्यादा देर तक सांस रुकना यानी खतरा होना
डॉक्टर आपको सांस रुकने के काउंट के हिसाब से बताएंगे कि आपकी स्थति क्या है, जैसे -
5 बार सांस रुकना नॉर्मल होती है
5 - 15 बार सांस रुकना मतलब हल्का खतरा
15 - 30 बार सांस रुकना यानी मध्यम गंभीर
वहीं 30 से ज़्यादा बार सांस रुकने का मतलब है अधिक खतरा, डॉक्टर उस हिसाब से आपका इलाज़ शुरू करेंगे।
डॉक्टर की सलाह लेना इसमें बहुत आवश्यक है। उसके अलावा आप कुछ व्यायाम की मदद से भी इससे राहत पा सकते हैं जैसे-
- चीक एक्सरसाइज -
इसमें आपको अपने मुंह में हवा खींचकर सांस रोक लेनी है। उसके बाद इ-ऊ की आवाज़ शब्दों को खींच कर निकालनी है। इससे आपको गाल आगे पीछे मूव करने होंगे। - टंग एक्सरसाइज -
इसमें आपको अपनी जीभ को अंदर गालों से लगाना है और बार-बार राइट-लेफ्ट करना है। अंदर पैलेट को टच करके जीभ को रोल करें जिससे आपकी टंग मसल स्ट्रॉन्ग होगी।
3. प्राणायाम और ब्रेथ एक्सरसाइज -
इसमें आपको नाक-मुंह बंद करके गले से आवाज़ निकालनी है जिससे थोड़ी सी वाइब्रेशन फील होगी। इससे आपका थ्रॉट स्ट्रॉन्ग होगा।
स्लीप एप्निया की बीमारी सोते वक्त सांस सही से न लेने के कारण होती है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी गाल, जीभ और गले की मसल्स सही से काम करें और व्यायाम से ब्रीदिंग पैटर्न पर वर्क करें जिससे आपको इससे राहत मिले।