हार्ट अटैक और एसिडिटी के दर्द में क्या फर्क है?
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट अटैक और एसिडिटी जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। इन दोनों समस्याओं का दर्द अक्सर छाती में महसूस होता है, जिससे लोग भ्रमित हो जाते हैं। दोनों के बीच अंतर को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि समय पर सही पहचान और उपचार से जीवन बचाया जा सकता है। आइए, जानते हैं हार्ट अटैक और एसिडिटी के दर्द में क्या फर्क होता है।
हार्ट अटैक का दर्द
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। इसके कारण दिल की कोशिकाएं मरने लगती हैं। हार्ट अटैक के दर्द की पहचान इन लक्षणों से की जा सकती है:
- छाती में भारीपन: यह दर्द अक्सर छाती के बीच में या बाईं ओर महसूस होता है। यह एक भारीपन या दबाव की तरह होता है, जो कई बार कंधे, बांह, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है।
- पसीना आना: हार्ट अटैक के दौरान व्यक्ति को अचानक ठंडा पसीना आ सकता है।
- सांस फूलना: सांस लेने में दिक्कत या भारीपन महसूस होना भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
- मतली या उल्टी: कुछ मामलों में हार्ट अटैक के दौरान मतली या उल्टी भी हो सकती है।
- थकान और कमजोरी: अचानक अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
एसिडिटी का दर्द
एसिडिटी तब होती है जब पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जो पेट की अंदरूनी दीवार को नुकसान पहुंचा सकता है। एसिडिटी के दर्द की पहचान इन लक्षणों से की जा सकती है:
- छाती में जलन: एसिडिटी के कारण छाती में जलन महसूस होती है, जो अक्सर भोजन करने के बाद होती है। यह दर्द गले से लेकर पेट तक महसूस हो सकता है।
- खट्टी डकार: एसिडिटी के दौरान खट्टी डकार आ सकती हैं, जिससे गले में खट्टा या कड़वा स्वाद आ सकता है।
- पेट फूलना: पेट में भारीपन, फूला हुआ महसूस होना या गैस की समस्या हो सकती है।
- गले में जलन: पेट के एसिड के गले तक आने के कारण गले में जलन या खरोंच महसूस हो सकती है।
- उल्टी जैसा महसूस होना: एसिडिटी के कारण उल्टी जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन वास्तव में उल्टी नहीं होती।
कैसे करें पहचान?
- हार्ट अटैक का दर्द भारी और दबाव जैसा होता है, जबकि एसिडिटी का दर्द जलन और खटास जैसा होता है।
- हार्ट अटैक का दर्द कुछ मिनट से लेकर आधे घंटे तक लगातार हो सकता है, जबकि एसिडिटी का दर्द भोजन के बाद शुरू होकर कुछ घंटे तक रह सकता है।
- हार्ट अटैक के दौरान पसीना आना, सांस फूलना, और अत्यधिक कमजोरी होती है, जबकि एसिडिटी में खट्टी डकार और गले में जलन होती है।
क्या करना रहेगा बेहतर?
यदि आपको हार्ट अटैक का संदेह है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से जीवन बचाया जा सकता है। दूसरी ओर, एसिडिटी की समस्या होने पर आप एंटासिड ले सकते हैं और अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार कर सकते हैं।
हार्ट अटैक और एसिडिटी के दर्द में फर्क को समझना बहुत जरूरी है। सही समय पर सही कदम उठाने से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। हमेशा सतर्क रहें और किसी भी असामान्य दर्द को नजरअंदाज न करें।