Steroids for Covid19 patients: कोविड मरीजों के लिए स्टेरॉयड लेना कब जरूरी?
When steroids necessary for Covid19 patients?: कोविड के मरीजों को कई बार स्टेरॉयड देना जरूरी होता है लेकिन कुछ लोग डॉक्टर की सलाह के बिना खुद भी स्टेरॉयड ले लेते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा करना खतरनाक हो सकता है और ऐसा बिल्कुल न करें। इस बारे में हेल्थ ओपीडी ने सीनियर डॉक्टर अव्यक्त अग्रवाल (Senior Doctor Avyakt Agarwal) और अपोलो हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन की एक्सपर्ट डॉ. विनी कान्ट्रू (Dr. Viny Kantroo Respiratory Medicine Expert Apollo Hospital) से बातचीत की इस स्टोरी में समझें कि उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए स्टेरॉयड (When steroids necessary for Covid19 patients?) लेने के बारे में क्या कहा?
कब स्टेरॉयड देना पड़ सकता है
- शुगर, किडनी, हार्ट, लिवर आदि की क्रॉनिक बीमारी से पीड़ित लोगों को।
- ट्रांसप्लांट वाले मरीज, जिनकी इम्युनिटी कम करने की दवा चल रही होती है।
- अगर 7 दिन के बाद भी बुखार 102-103 से कम नहीं हो रहा हो।
- सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, खासकर डीप ब्रीदिंग में।
- चेस्ट में खिंचाव महसूस हो रहा हो, खांसी ठीक नहीं हो रही हो।
स्टेरॉयड कब न दें
सीनियर डॉक्टर अव्यक्त अग्रवाल (Senior Doctor Avyakt Agarwal) के अनुसार पहले हफ्ते में जब बुखार, जुकाम, बदन दर्द आदि हो तो स्टेरॉयड न दें। बुखार 102-103 तक भी हो भी घबराएं नहीं। दरअसल, इस वक्त हमारे शरीर का प्रोटेक्टिव मैकेनिजम वायरस के खिलाफ लड़ रहा होता है। शरीर में एंटी-बॉडीज बनाने वाले लिम्फोसाइट्स केमिकल रिएक्शन करते हैं और यह रिएक्शन ज्यादा तापमान पर ही होता है। बुखार में ये लिम्फोसाइट्स स्टिमुलेट होते हैं। अगर शुरुआत में ही स्टेरॉयड दे देंगे तो बॉडी कन्फ्यूज़ हो जाती है और वह वायरस के खिलाफ लड़ना बंद कर देती है और वायरस बढ़ता चला जाता है। फिर निमोनिया हो जाता है और किडनी व हार्ट आदि पर असर आने लगता है। कई बार तो ऑक्सीजन और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और शरीर शॉक की स्टेज में चला जाता है।
डॉक्टर को फैसला करने दें
मरीज को स्टेरॉयड देना है या नहीं या फिर कब देना है, यह फैसला अपने डॉक्टर को करने दें। डॉक्टर आमतौर पर ऑक्सीजन लेवल कम होने पर, शुगर या हार्ट के मरीजों या फिर सीटी स्कैन में धब्बे 8 से ऊपर है तो स्टेरॉयड देते हैं। अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही और 6-7 दिन भी बुखार कम नहीं होता तो 7-8वें दिन स्टेरॉयड देते हैं।
इन बातों का रखें खास ख्याल
अपोलो हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन की एक्सपर्ट डॉ. विनी कान्ट्रू का कहना है कि कई मामलों में डायबिटीज के मरीजों में स्टेरॉयड देने पर शुगर बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर की निगरानी में शुगर की मॉनिटरिंग अच्छी तरह करनी चाहिए। ऐसे मरीजों को इंसुलिन देनी पड़ सकती है तो कुछ को इंसुलिन की डोज बढ़ानी पड़ सकती है। इसके अलावा शरीर में ग्लूकोज़ बढ़ती है तो शरीर काफी यूरीन बनाता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए पानी खूब पीना चाहिए।
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