Coronavirus: कौन-सी Vaccine ज्यादा असरदार, Covishield बेहतर या COVAXIN
Coronavirus: Which Vaccine Is More Effective, Covishield Better Or COVAXIN: 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगाए जाने के ऐलान के बाद वैक्सीन (Covid19 Vaccine) लगवाने वालों की संख्या खासी बढ़ जाएगी। फिर स्पूतनिक वैक्सीन (Sputnik Vaccine) के आयात की बात भी हो रही है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि कौन-सी वैक्सीन ((Coronavirus Vaccine Covishield and COVAXIN)) किस मैकेनिज़म पर काम करती है और कौन सी वैक्सीन ज्यादा असरदार हो सकती है। यह तो सब जानते हैं कि फिलहाल अपने देश में कोरोना की 2 वैक्सीन लगाई जा रही है। एक है कोविशील्ड जिसे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने तैयार किया है और दूसरी है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। जानते हैं दोनों वैक्सीन ((Coronavirus Vaccine Covishield and COVAXIN)) का मैकेनिजम कैसे काम करता हैः (Coronavirus: Which Vaccine Is More Effective, Covishield Better Or COVAXIN)-
कोविशील्ड जिंदा वायरस तो कोवैक्सीन मृत वायरस से की गई तैयार (Coviciled alive virus, then covaxine prepared with dead virus)-
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) में मेडिसिनल केमिस्ट्री के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. निहार रंजन (Dr. Nihar Ranjan, Head of Department of Medicinal Chemistry) के अनुसार, आमतौर पर वैक्सीन 2-3 तरीके से तैयार की जाती हैं। जिंदा वायरस से, मृत वायरस से या फिर केमिकली सिंथेसाइज्ड करके। अगर हम बात कोविशील्ड की करें तो इसमें एडिनोवायरस इस्तेमाल किया गया है। एडिनोवायरस वह वायरस है, जो नॉर्मल कोल्ड और कफ के लिए जिम्मेदार होता है। एडिनोवायरस के जेनेटिक कोड में कोरोना वायरस के भी जेनेटिक कोड को मिला दिया गया है।
इससे यह सिस्टम में आते ही स्पाइक प्रोटीन की तरह काम करने लगता है। फिर बॉडी का इम्यून सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है कि कोई ऐसी बाहरी चीज आई है, जो सेल के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके बाद इम्यून सिस्टम इस वायरस को मार देता है। दूसरी ओर कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड यानी मृत वायरस से तैयार की गई है। इसमें रियल कोरोनावायरस के सैंपल को केमिकली मॉडिफाई कर ऐसा बना देते हैं कि वह सिस्टम में जाकर खुद को बढ़ा न पाए लेकिन उसमें इतनी इन्फॉर्मेशन हो कि हमारे इम्यून सिस्टम को ट्रिगर कर सके। यानी कोवैक्सीन मृत वायरस को पहचान कर उसके खिलाफ एंटी-बॉडी बनाने लगती है।
कौन-सी कोरोना वायरस वैक्सीन बेहतर (Which coronavirus vaccine is better)-
फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि कौन-सी वैक्सीन बेहतर है। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि जो वैक्सीन इनएक्टिवेटेड या मृत जीन्स से बनाई गई है, जैसे कि कोवैक्सीन, उसे कम-इम्युनिटी वालों के लिए सुरक्षित पाया गया है। हालांकि इसका असर कुछ धीरे होता है। दूसरी ओर, कोविशील्ड जैसी लाइव वायरस से बनाई गई वैक्सीन का रिस्पॉन्स थोड़ा तेज होता है लेकिन यह कम इम्युनिटी वालों को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि कौन-सी वैक्सीन ज्यादा सुरक्षित है, यह जानने के लिए अभी इंतजार करना होगा। वैसे, इन दोनों ही वैक्सीन को 2- 8 डिग्री पर रख सकते हैं। यह भारत जैसे गर्म देश के लिए बेहतर है जबकि मॉडर्ना या फाइजर आदि की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत होती है। शायद यह भी इनके अभी तक भारत में न आने की एक वजह है।
कैसे काम करता है कोरोना वायरस (How coronavirus works)
डॉ. निहार रंजन के अनुसार ज्यादातर वायरस का मैकेनिज़म करीब-करीब एक जैसा होता है। आमतौर पर वायरस जब शरीर में एंट्री करता है तो सारा काम सेल में होता है क्योंकि वायरस के पास अपनी कोई मशीनरी नहीं होती। उसके पास बस संक्रमित करने की जानकारी होती है, जो उसके जेनेटिक मटीरियल में होती है। बता दें कि ज्यादातर वायरस आरएनए बेस्ड होते हैं। कोरोना भी आरएनए बेस्ड है। जब हमारे सेल के सिस्टम को इस्तेमाल कर बॉडी में फैलता है।
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